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आखिर क्या नाम दू मैं इसको, कैसा है ये रिश्ता!?


आखिर क्या नाम दू मैं इसको,
कैसा है ये रिश्ता!?

ना तो हासिल सा है,
नाही जुदा है ये, रिश्ता!

ना तो मिला सा है,
नाही खोया है ये, रिश्ता!

बड़ा ही बेनाम सा है,
फिर भी बड़ा करीब है ये, रिश्ता!

मोहब्बत तो नही ये,
लेकिन मोहब्बत सा है ये, रिश्ता!

ज़रूरत तो नहीं ये,
लेकिन जरूरी सा है ये, रिश्ता!

आखिर क्या नाम दू मैं इसको,
कैसा है ये रिश्ता!?

             - Harsh Mishra

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