फिलहाल थोड़े अंधेरे में हैं हम
ना जाने कब ये घटा छटेगी
लगे तो है बादल आज भी आकाश
ना जाने कब बरसात गिरेगी
एक अरसे से है तू मेरी अरदास
रब जाने कब अरदास मिलेगी
अब बस यही उम्मिद्द लगाए बैठे है
जल्द ही ये घटा छटेगी
जिस रोशनी की है हमें इंतज़ार
वो रोशनी हमें आज मिलेगी
चार दिन की जिन्दगी ये
कौन जाने कब तक सांस चलेगी
फिलहाल थोड़े अंधेरे में है हम
ना जाने कब ये घटा छटेगी।।
- युवराज सिंह♠️
Nice👏🏻
ReplyDeleteGreat one bhai🔥❤️
ReplyDeleteLike always......from good to towards great
ReplyDeleteAti uttam
ReplyDeletekatti gzb Bhai
ReplyDeleteFabulous 🔥🔥
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